अपने पिता की ऑटो शॉप में मैनेजर के तौर पर काम करने वाला एक इंसान परेशान है. एक ओर उसे कस्टमर सर्विस बेहतर बनाकर मुनाफ़ा बढ़ाना है, तो दूसरी ओर अपने उत्पाती कज़िन को काबू में रखना है.
अपने पिता की ऑटो शॉप में मैनेजर के तौर पर काम करने वाला एक इंसान परेशान है. एक ओर उसे कस्टमर सर्विस बेहतर बनाकर मुनाफ़ा बढ़ाना है, तो दूसरी ओर अपने उत्पाती कज़िन को काबू में रखना है.